Principal’s Message
इक्कीसवी सदी मे सूचना-प्रौद्योगिकी के तीव्र विकास सम्पूर्ण विश्व को वैश्वीकृत ग्राम के रूप मे परिवर्तित कर रहा है। भू-मण्डलीकरण के इस परिवेश ने विश्व के समक्ष विविध प्रकार के अवसर एवं नयी चुनौतिया उत्पन्न की है, जिसका प्रभाव भारतीय समाज के सास्कतिक मूल्यो एवं नैतिक आदर्शो पर दृष्टिगोचर है। उल्लेखनीय है कि शिक्षा मानव व्यक्तित्व के निमार्ण मे विनियोजन तथा व्यक्ति के माध्यम से समाज एवं राष्ट्र के सृजन की आधारशिला है। अतः ज्ञान विज्ञान तथा वैश्वीकरण के इस परिवेश मे एक शक्तिशाली एवं विकसित राष्ट्र के निर्माण मे सर्वाधिक भूमिका शिक्षा जगत की है। इस उच्चादर्शो की प्राप्ति गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के बिना सम्भव नही है, इसी प्रयोजन से भारत सरकार के मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 प्रस्तुत किया गया है। जिसमे प्रारम्भिक षिक्षा का उद्देश्य शिक्षार्थियो में सीखन की प्रवृति का विकास करना तथा उच्च शिक्षा का उद्देश्य वतर्मान में विद्यमान आवश्यकताओ एवं भविष्य की सम्भावनाओ तथा सामाजिक अपेक्षाओँ के आलोक में किया जाना अपेक्षित है। अतः अब उच्च शिक्षा के द्वारा सुयोग्य एवं उत्कृष्ट चरित्रधारी एवं वैज्ञानिक स्वभाव (साइंटिफिक टेम्परामेण्ट) के प्रबुद्ध पीढ़ियो का निर्माण करना इसका निहितार्थ है, इसके साथ ही
यह समझना आवष्यक है कि उच्च शिक्षा मे अध्ययनरत छात्र-छात्राओ मे अनुशासन,सामाजिक समरसता,धर्मनिपेर्क्षता,पर-कल्याण,राष्ट्र-निर्माण की भावना तथा सामाजिक रूढिवादिता का परित्याग आदिउच्चादर्शो के विकास के अभाव में शिक्षा अपूर्ण है । इन उद्देश्यों की प्राप्ति हेतू उच्च शैक्षणिक संस्थाओं के गुणात्मक विकास तथा आधुनिक संसाधनों एवं उच्चकोटि की शिक्षण व्यवस्था आवश्यक है। हमारा महाविद्यालय अपने प्रदेश तथा जनपद के अंतिम छोर पर अवस्थित है, अतः उच्च शिक्षा के उपयुर्क्त उद्देश्यो की प्राप्ति में हमारे समक्ष अनेकानेक चुनौतियो है,किन्तु महाविद्यालय परिवार के योग्यतम, कुशल तथा ऊजार्वान शिक्षको एवं दक्ष तथा काय र्कुशल कर्मचारियो साथ मिलकर हम उन चुनोतियों का दृढ़तापूर्वक सामना करते हुए महाविद्यालय परिसर में शिक्षण-प्रशिक्षण का अनुकूल वातावरण बना सकेगें इसी आशा एवं विश्वास के साथ हम अपने मार्ग पर अग्रसर हैं ।
Wishing you all a Bright & Prosperous future. Jai Hind!
प्रोफेसर (डॉ0) ब्रह्मानन्द सिंह
(Principal)